Tuesday, February 26, 2019

Tujhe-Ko-Yaad-Karke-Bhulata-Hoon-Mein-तुझ-को-याद-करके-भूलाता-हूँ-मैं

तुझ को याद करके भूलाता हूँ मैं
ज़िन्दगी नई नहीं जीना चाहता हूँ मैं

वो चाहते जो ले जाती थी सपनो में
उसी नींद से जागना चाहता हूँ मैं

तुझ को याद करके भूलाता हूँ मैं
ज़िन्दगी नई नहीं जीना चाहता हूँ मैं

इश्क़ ही नहीं तमन्ना आरज़ू  से लड़ता रहा मैं
तूने छोड़ दी थी शराफत एक नज़र को तरसता रहा मैं

तुझ को याद करके भूलाता हूँ मैं
ज़िन्दगी नई नहीं जीना चाहता हूँ मैं

क्या यही हश्र है तमाम बफ़ाओ का सोचता हूँ मैं
क्यों साथ नहीं देती अब इसे तकदीर समझता हूँ मैं

तुझ को याद करके भूलाता हूँ मैं
ज़िन्दगी नई नहीं जीना चाहता हूँ मैं

उन गहरी आँखो के राज़ अब भी नहीं सुलझा पाता हूँ मैं
तूने दिमाग में ही रखा,  दिल का रास्ता आँखो से खोज रहा था मैं

तुझ को याद करके भूलाता हूँ मैं
ज़िन्दगी नई नहीं जीना चाहता हूँ मैं

क्या बात करूँ चाहत के हौसले की मैं
आँख, दिल क्या ज़िन्दगी के तरुन्नम से भी निकालता हूँ मैं
तुझ को याद करके भूलाता हूँ मैं
ज़िन्दगी नई नहीं जीना चाहता हूँ मैं

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