इंदिरा आज तुम्हे भारत बुलाता है
इंदिरा आज तुम्हे भारत बुलाता है
कहाँ हो , कहाँ हो
ये आवाज लगाता है
इंदिरा आज तुम्हे भारत बुलाता है
वो सच्ची सादगी का बचपन बिता
गाँधी, नेहरू की छाया में
उन विचार को आगे बढ़ाना है
इंदिरा आज तुम्हे भारत बुलाता है
देश को घेरे है दुश्मन अंदर - बाहर से
नाश करने चंडिका रूप में बुलाता है
होना भय मुक्त देश चाहता है
इंदिरा आज तुम्हे भारत बुलाता है
टिकवाए थे घुटने अमेरिका पाकिस्तान के
हुई थी सफाई जन मानस की आपातकाल में
नई चेतना नई तरंग उमंग भर ने देश में
इंदिरा आज तुम्हे भारत बुलाता है
रहे कांग्रेस का हाथ साथ सब के
रहे निश्चिंत मस्त देश जन में
राष्ट्रवाद के नाम पर हिंसा रोकने
इंदिरा आज तुम्हे भारत बुलाता है
पुनः लोकवाद लोकराज लोकतंत्र की पुकार लगाता है
श्रद्धा सुमन तुम्हे जन मानस अर्पित करता है
इंदिरा आज तुम्हे पुनः बार बार चीत्कार से भारत बुलाता है
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